NCERT Solutions for Class 12 Physics Chapter 1 - In Hindi

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NCERT Solutions for Class 12 Physics Chapter 1 Electric Charges and Fields In Hindi Medium

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Chapter 1 - Electric Charges And Fields

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Important Topics Covered in Chapter 1

The following are some of the important concepts in chapter 1, Electric Charges and Fields.

Competitive Exams after 12th Science

NCERT Solutions for Class 12 Physics Chapter 1 Electric Charges and Fields In Hindi

अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर

1. वायु में एक-दूसरे से $<\mathbf<30>>><\mathbf>$दूरी पर रखे दो छोटे आवेशित गोलों पर क्रमशः

  1. दोनों गोलों के बीच कितनी दूरी है?

$ = 12 \times >$ मीटर $ = 12$ सेमी

  1. दूसरे गोले पर पहले गोले के कारण कितना बल लगता है?

हल: $$ पर $ - $ के कारण बल $ = >?$
कूलॉम का बल न्यूटनीय बल है अर्थात् एक आवेश पर दूसरे आवेश के कारण बल, दूसरे आवेश पर पहले आवेश के कारण बले के बराबर तथा विपरीत होता है।

अतः $$ पर $$ के कारण बल भी $0.2>N$ ही होगा, तथा इसकी दिशा $$ की ओर होगी।

3. जाँच द्वारा सुनिश्चित कीजिए कि $ = 2\frac>>>>$ विमाहीन है। भौतिक नियतांकों की सारणी देखकर इस अनुपात का मान ज्ञात कीजिए। यह अनुपात क्या बताता है?
हल: कूलॉम बल, $F = k\frac>>>>$ से,

यह निश्चित दूरी पर रखे इलेक्ट्रॉन व प्रोटॉन के बीच वैद्युत बल तथा गुरुत्वीय बल का अनुपात है। यह बताता है कि गुरुत्वीय बल की तुलना में वैद्युत बल अत्यन्त प्रबल है।

  1. “किसी वस्तु का वैद्युत आवेश क्वाण्टीकृत है। इस प्रकथन से क्या तात्पर्य है?
    हल : (a) इस कथन का अर्थ है कि किसी वस्तु का आवेश परिमाणित है कि हम किसी वस्तु को उतना आवेश नहीं दे सकते जितना हम चाहते हैं, लेकिन वस्तु पर आवेश केवल आवेश की न्यूनतम इकाई के पूर्ण गुणकों में दिया जाता है ($e $, मूल शुल्क)। जा सकता है।
  2. स्थूल अथवा बड़े पैमाने पर विद्युत आवेशों से व्यवहार करते समय हम विद्युत आवेश के क्वाण्टमीकरण की उपेक्षा कैसे कर सकते हैं?

हल: बड़े पैमाने पर या भारी शुल्क से निपटने के दौरान, चार्ज की मात्रा का कोई महत्व नहीं है और इसे उपेक्षित किया जा सकता है। कारण हैकि बड़े पैमाने पर व्यवहार में आने वाले आवेश मूल आवेश की तुलना में बहुत बड़े होते हैं। उदाहरण के लिए $1>\mu C$ आवेश में लगभग $1013$ मूल आवेश सम्मिलित हैं। ऐसी अवस्था में आवेश को सतत मानकर व्यवहार किया जा सकता है।

5. जब काँच की छड़ को रेशम के टुकड़े से रगड़ते हैं तो दोनों पर आवेश आ जाता है। इसी प्रकार की परिघटना का वस्तुओं के अन्य युग्मों में भी प्रेक्षण किया जाता है। स्पष्ट कीजिए कि यह प्रेक्षण आवेश संरक्षण नियम से किस प्रकार सामंजस्य रखता है?

हल: घर्षण द्वारा आवेश की घटनाएँ आवेश संरक्षण के नियम के पूर्ण सामंजस्य में हैं। जब ऐसी घटना में दो तटस्थ वस्तुओं को रगड़ा जाता है, तो दोनों वस्तुएँ आवेशित हो जाती हैं। घर्षण से पहले दोनों वस्तुएँ उदासीन होती हैं अर्थात् उनका कुल आवेश शून्य होता है। ऐसे सभी प्रेक्षणों में हमेशा यह पाया गया है कि एक वस्तु पर जितना अधिक धनात्मक आवेश होता है, उतनी ही दूसरी वस्तु पर ऋणात्मक आवेश होता है। इस प्रकार घर्षण द्वारा आवेशित होने पर भी दोनों वस्तुओं का शुद्ध आवेश शून्य रहता है।

हल: किसी आवेश पर कार्य करने वाले अन्य आवेशों के कारण कूलॉम बलों को सदिश विधि द्वारा जोड़ा जाता है। अत: वर्ग के केन्द्र पर रखे आवेश $ = >1>\mu C$ पर बल चारों आवेशों $,>,>$ व $$ के कारण कूलॉम बलों के सदिश योग के बराबर होगा।

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आवेश $ = - 2\mu >$ के कारण $$ पर बल

अर्थात $$ पर नेट बल शून्य है।

  1. स्थिर विद्युत-क्षेत्र रेखा एक सतत वक्र होती है अर्थात कोई क्षेत्र रेखा एकाएक नहीं टूट सकती क्यों?
    हल: विद्युत क्षेत्र रेखा एक वक्र है जिसकी प्रत्येक बिंदु पर स्पर्श रेखा उस बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की दिशा का प्रतिनिधित्व करती है। ये क्षेत्र रेखाएं सतत वक्र हैं अर्थात ये किसी भी बिंदु पर टूट नहीं सकती हैं, अन्यथा उस बिंदु से आगे विद्युत क्षेत्र की कोई दिशा नहीं होगी, जो असंभव है।
  2. स्पष्ट कीजिए कि दो क्षेत्र रेखाएँ कभी-भी एक-दूसरे का प्रतिच्छेदन क्यों नहीं करतीं?

हल: दो विद्युत क्षेत्र रेखाएं एक दूसरे को नहीं काट सकतीं; क्योंकि इस स्थिति में प्रतिच्छेदन बिंदु पर दो स्पर्श रेखाएँ खींची जाएँगी जो उस बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की दो दिशाएँ दर्शाएँगी जो कि असंभव है।

  1. दोनों आवेशों को मिलाने वाली रेखा $<\mathbf>$ के मध्य बिन्दु $<\mathbf>$ पर विद्युत-क्षेत्र कितना है?

हल: (a) $\because $धनात्मक तथा $$ ऋणात्मक है; अत: मध्य बिन्दु $0$ पर $$ व $$दोनों के कारण विद्युत-क्षेत्र की दिशा $0$ से $B$ की ओर होगी।

अत: मध्य बिन्दु पर विद्युत-क्षेत्र की तीव्रता

  1. यदि $<\mathbf<1>>.<\mathbf<5>>><\mathbf>><\mathbf<1>><<\mathbf<0>>^< - <\mathbf<9>>>><\mathbf>$परिमाण का कोई ऋणात्मक परीक्षण आवेश इसे बिन्दु पर रखा जाए तो यह परीक्षण आवेश कितने बल का अनुभव करेगा?

$F = QE = 1.5 \times > \times 5.4 \times $

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(दिशा $ - q$ से $ + q$ की ओर)

$ = 7.5 \times >C - m$; $B$ से $A$ की ओर

$ = 7.5 \times >Cm$ऋणात्मक $z - $ अक्ष की ओर

अत: सूत्र$\tau = pEsin\theta $, का उपयोग करते हुए

$\tau \;\; = 4 \times > \times 5 \times \times sin\;\;\; = 20 \times > \times \frac = >\;$ न्यूटन-मीटर

  1. स्थानान्तरित (किस पदार्थ से किस पदार्थ में) इलेक्ट्रॉनों की संख्या आकलित कीजिए।
    हल: दिया है, कुल स्थानान्तरित आवेश $ = - 3 \times >C$
    एक इलेक्ट्रॉन पर कुल आवेश $ = - 1.6 \times >C$
    स्थानान्तरित इलेक्ट्रॉनों की संख्या $n = ?$
    चूँकि ऊन से रगड़ने पर पॉलीथीन के टुकड़े पर ऋण आवेश आता है, अत: इलेक्ट्रॉन ऊन से पॉलीथीन के टुकड़े पर स्थानान्तरित होते हैं।
    हमें ज्ञात है कि
  1. क्या ऊन से पॉलीथीन में संहति का स्थानान्तरण भी होता है?

हल: हाँ, ऊन से पॉलीथीन पर द्रव्यमान का स्थानान्तरण होता है क्योंकि इलेक्ट्रॉन, जो द्रव्य कण हैं, ऊन से पॉलीथीन पर विस्थापित होते हैं।

पॉलीथीन पर स्थानान्तरित कुल द्रव्यमान $M> = >m \times n = 91 \times >kg \times 1.875 \times > = 1.71 \times >kg$

  1. दो विद्युतरोधी आवेशित ताँबे के गोलों $<\mathbf>$ तथा $<\mathbf>$ के केन्द्रों के बीच की दूरी $<\mathbf<50>>><\mathbf>$ है। यदि दोनों गोलों पर पृथक्-पृथक् आवेश $<\mathbf<6>>.<\mathbf<5>>><\mathbf>><\mathbf<1>><<\mathbf<0>>^< - <\mathbf<7>>>><\mathbf>$ हैं तो इनमें पारस्परिक स्थिर विद्युत प्रतिकर्षण बल कितना है? गोलों के बीच की दूरी की तुलना में गोलों $<\mathbf>$ तथा $<\mathbf>$ की त्रिज्याएँ नगण्य हैं।

हल: प्रश्नानुसार, $ = = 6.5 \times >C,r = 50\;cm = 0.50\;m\frac<<4\pi <\varepsilon _0>>> = 9 \times N>$
समान आवेशित गोले के बीच प्रतिकर्षण बल (कूलम्ब के नियम के अनुसार))

  1. यदि प्रत्येक गोले पर आवेश की मात्रा दो गुनी तथा गोलों के बीच की दूरी आधी कर दी जाए तो प्रत्येक गोले पर कितना बल लगेगा?

हल: यहाँ $q_1^\prime = 2,q_2^\prime = 2,\;r^\prime = \frac$

हटाने के बाद दोनों पर चार्ज

अब गोला $C$ (आवेश $q_C^\prime$ के साथ) गोले $B$ के सम्पर्क में आता है।

आकार समान होने के कारण ये दोनों भी कुल आवेश को आधा-आधा बाँट लेंगे।

$\therefore $ हटाने के पश्चात् दोनों पर आवेश

अत: अब $A$ गोले पर आवेश $q_A^\prime = \frac$

तथा $B$ गोले पर आवेश $q_B^\prime = \frac>$

$\therefore $ इनके बीच प्रतिकर्षण बल

14. चित्र मे किसी एकसमान स्थिर विद्युत-क्षेत्र में तीन आवेशित कणों के पथचिह्न (tracks) दर्शाए गए हैं। तीनों आवेशों के चिह्न लिखिए। इनमें से किस कण का आवेश-संहति अनुपात ($ = 2\frac$) में अधिकतम है?

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हल: किसी विद्युत-क्षेत्र में क्षेत्र के लम्बवत् गतिमान आवेशित कण का पाश्विक विस्थापन

जहाँ $x$ कणों द्वारा विद्युत-क्षेत्र के लम्ब दिशा में तय दूरी तथा $Vx,>x - $ अक्ष की दिशा में वेग है। यदि सभी कण विद्युत-क्षेत्र में समान वेग $vx$ से प्रवेश करते हैं तो

$y\alpha \frac$ ($\because $ विद्युत-क्षेत्र की लम्बाई $x$सबके लिए समान है)

$\therefore $ कण ($3$) का विक्षेप सर्वाधिक है; अत: इसके लिए $\frac$का मान सर्वाधिक होगा।

  1. इस क्षेत्र का $<\mathbf<10>>><\mathbf>$ भुजा के वर्ग के उस पाश्र्व से जिसका तल $<\mathbf>$ तल के समान्तर है, गुजरने वाला फ्लक्स क्या है?
  2. इसी वर्ग से गुजरने वाला फ्लक्स कितना है यदि इसके तल का अभिलम्ब $<\mathbf> - $ अक्ष से $<\mathbf<60>>^\circ $ का कोण बनाता है?

हल: वैद्युत क्षेत्र, - दिशा में

वैद्युत फ्लक्स $\Phi E> = >\overrightarrow E .\overrightarrow S $

क्षेत्रफल का परिमाण $ = 10$ सेमी $x$$10$सेमी $ = 100$ सेमी$^2$मी$^2$

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  1. जब वर्ग का तल $yz - $ तल के समान्तर है, तो तल पर अभिलम्ब $x - $ दिशा में होगा वैद्युत क्षेत्र तथा तल के अभिलम्ब के बीच बना कोण $ = >0^\circ $ वैद्युत फ्लक्स
  2. इस स्थिति में $\theta > = >60^\circ $

$\therefore $ वैद्युत फ्लक्स, $\Phi E> = >\overrightarrow E .\overrightarrow S = >ES>cos>60^\circ $

16. में दिए गए एकसमान विद्युत-क्षेत्र का $<\mathbf<20>>><\mathbf>$ भुजा के किसी घन से (जो इस प्रकार अभिविन्यासित है कि उसके फलक निर्देशांक तलों के समान्तर हैं) कितना नेट फ्लक्स गुजरेगा?

उत्तर: एक घन के $6$ फलक होंगे। इनमें से दो फलक $y - z$ समतल के, दो $z - x$ समतल के तथा दो $x - y$ समतल के समान्तर होंगे।

विद्युत-क्षेत्र $E> = >3> \times >10>i>N/C>x - $अक्ष के अनुदिश है; अत: यह $z - x$ तथा $x - y$ समतलों के समान्तर फलकों के समान्तर होगा।

इन चारों फलकों से गुजरने वाला फ्लक्स शून्य होगा।

विद्युत-क्षेत्र एकसमान है; अतः $y - z$ समतल के समांतर फलकों में से एक फलक से जितना अधिक फ्लक्स प्रवेश करेगा, उतना ही दूसरे फलक से भी फ्लक्स निकलेगा।अतः घन से गुजरने वाला नेट फ्लक्स शून्य होगा।

  1. बॉक्स के भीतर नेट आवेश कितना है?

यदि काले बॉक्स में नेट आवेश $q$ है, तब
सूत्र $\Phi = \frac>>$ से,
अथवा

$q\;\; = 8.854 \times > \times 8 \times \; = 8.854 \times 8 \times >\; = 70.832 \times >$

$= 0.071 \times >C = 0.071\mu C$

  1. यदि बॉक्स के पृष्ठ से नेट बहिर्मुखी फ्लक्स शून्य है तो क्या आप यह निष्कर्ष निकालेंगे कि बॉक्स के भीतर कोई आवेश नहीं है? क्यों, अथवा क्यों नहीं?

हल- यदि बॉक्स के पृष्ठ से नेट बहिर्मुखी वैद्युत फ्लक्स शून्य है, तो इससे यह निष्कर्ष नहीं निकलता कि बॉक्स के अन्दर कोई आवेश नहीं है। हो सकता है कि बॉक्स बॉक्स के अंदर समान मात्रा में पॉजिटिव चार्ज और नेगेटिव चार्ज मौजूद हैं, जो एक दूसरे के प्रभाव को रद्द कर देंगे यानी बॉक्स के अंदर का नेट चार्ज शून्य हो जाएगा और हमें ऐसा लगेगा कि बॉक्स के अंदर कोई चार्ज नहीं है।

18. चित्र में दर्शाए अनुसार $<\mathbf<10>>><\mathbf>$ भुजा के किसी वर्ग के केन्द्र से ठीक $<\mathbf<5>>><\mathbf>$ ऊँचाई पर कोई $ + <\mathbf<10>>><\mathbf<\mu C>>$ आवेश रखा है। इस वर्ग से गुजरने वाले विद्युत फ्लक्स का। परिमाण क्या है? [संकेत : वर्ग को $<\mathbf<10>>><\mathbf>$ किनारे के किसी घन का एक फलक मानिए]

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हल: यह स्पष्ट है कि दिया गया वर्ग$ABCD$, $10$ सेमी भुजा वाले घन का एक पृष्ठ है। इस घन के केन्द्र पर एक आवेश $ + q> = > + >10>uC$ रखा है।

गौस की प्रमेय से घन के सभी $6$ पृष्ठों से होकर जाने वाला कुल वैद्युत फ्लक्स $ = \frac>>$

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$\therefore $ वर्ग (घन के एक पृष्ठ) से होकर जाने वाला वैद्युत फ्लक्स

19. $<\mathbf<2>>.<\mathbf<0>>><\mathbf<\mu C>>$ का कोई बिन्दु आवेश किसी किनारे पर $<\mathbf<9>>.<\mathbf<0>>><\mathbf>$ किनारे वाले किसी घनीय गाउसीय पृष्ठ के केन्द्र पर स्थित है। पृष्ठ से गुजरने वाला नेट फ्लक्स क्या है?

हल: पृष्ठ से होकर जाने वाला कुल वेघुत फ्लक्स

  1. यदि गाउसीय पृष्ठ की त्रिज्या दो गुनी कर दी जाए तो पृष्ठ से कितना फ्लक्स गुजरेगा?
  2. बिन्दु आवेश का मान क्या है?

हल: (a) बिन्दु आवेश के चारों ओर खींचे गए गोलीय गाउसीय पृष्ठ से गुजरने वाला वैद्युत फ्लक्स उसकी त्रिज्या पर निर्भर नहीं करता, अत: त्रिज्या दो गुनी करने पर भी उससे गुजरने वाला वैद्युत फ्लक्स $ - 1.0> \times >$न्यूटन-मी$^2$/कूलॉम ही रहेगा।

$\therefore q = 8.85 \times >$ कूलॉम$^2$/ न्यूटन मी$^2$

$ \times - 1.0 \times $ न्यूटन मी$^2$/ कूलॉम

हल: दिया है, चालक गोले की त्रिज्या $R> = >10$ सेमी
गोले के केन्द्र से बिन्दु की दूरी $r> = >20$ सेमी $ = >0.20$ मी
स्पष्टत: $r > R$

गोले से $20$ सेमी दूर स्थित बिन्दु पर वैद्युत क्षेत्र $E = 1.5 \times N>$ (अन्दर की ओर) गोले पर नेट आवेश $q = ?$

इसके अतिरिक्त $E$ गोले के अन्दर की ओर दिष्ट है, अत: आवेश ऋणावेश है।

$q = - 6.67 \times >C = - 6.67nC$

  1. गोले पर आवेश ज्ञात कीजिए।
    हल: दिया गया है, गोले के पृष्ठ का आवेश घनत्व

आवेशित गोले की त्रिज्या $R = \frac> = 1.2\;m$
(a) गोले पर आवेश

  1. गोले के पृष्ठ से निर्गत कुल विद्युत फ्लक्स क्या है?

हल: गोले के पृष्ठ से निर्गत कुल वैद्युत फ्लक्स $\Phi = ?$
सूत्र

हल: अनन्त लम्बाई के रेखीय आवेश के कारण r दूरी पर उत्पन्न वैद्युत क्षेत्र,

यहाँ $r = 2$ सेमी $ = 0.02$ मी, $E = 9 \times N>$

24. दो बड़ी, पतली धातु की प्लेटें एक-दूसरे के समानान्तर एवं निकट हैं। इनके भीतरी फलकों पर, प्लेटों के पृष्ठीय आवेश घनत्वों के चिह्न विपरीत हैं तथा इनका परिमाण $<\mathbf<17>>.<\mathbf<0>>><\mathbf>><\mathbf<1>><<\mathbf<0>>^< - <\mathbf<23>>>><\mathbf>/<\mathbf>$ है।

  1. पहली प्लेट के बाह्य क्षेत्र में,
  2. दूसरी प्लेट के बाह्य क्षेत्र में, तथा
  3. प्लेटों के बीच में विद्युत-क्षेत्र $<\mathbf>$ का परिमाण परिकलित कीजिए।

हल: दिया है, पट्टिका पर पृष्ठीय आवेश घनत्व

पट्टिकाओं का प्रबन्धन निम्नांकित चित्र में प्रदर्शित है-

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  1. पहली पट्टिका के बाह्य क्षेत्र (a) में दोनों पट्टिकाओं के कारण वैद्युत क्षेत्र परस्पर विपरीत तथा परिमाण में बराबर है।

क्षेत्र (a) में वैद्युत क्षेत्र की परिणामी तीव्रता

  1. दूसरी पट्टिका के बाह्य क्षेत्र (c) में भी दोनों पट्टिकाओं के कारण वैद्युत क्षेत्र परस्पर विपरीत तथा परिमाण में बराबर है।
  1. दो प्लेटों के बीच के क्षेत्र में (b) दोनों प्लेटों के कारण विद्युत क्षेत्र एक ही दिशा में है।(प्लेट $1$ से प्लेट $2$ की ओर) दिष्ट है, अतः

25. $2.55 \times 10^ \mathrm^$ के नियत विद्युत क्षेत्र के प्रभाव में 12 इलेक्ट्रॉन आधिक्य की कोई तेल बूँद स्थिर रखी जाती है (मिलिकन तेल बूँद प्रयोग)। तेल का घनत्व $1.26 \mathrm \mathrm^$ है। बूँद की त्रिज्या का आकलन कीजिए $\left(g=9.81 \mathrm \mathrm^ ; e=1.60 \times 10^ \mathrm\right)$ ।

उत्तर: माना बूंद की त्रिज्या $r$ है,

तब बूंद का द्रव्यमान $m=\frac \pi r^ \rho$ तथा बूंद पर आवेश $q=n e$

सन्तुलन की अवस्था में, द का भार $(\mathrm)=$ विद्युत बल (qE)

या $\frac \pi r^ \rho \times g=n e E$

यहाँ $n=12, p=1.26$ ग्राम सेमी $^=1.26 \times 10^$ किग्रा-मीटर $^, e=1.6 \times 10^$ कूलॉम $\mathrm=2.55 \times 10^$ न्यूटन/कूलॉम, $\mathrm=9.81$ मीटर/सेकण्ड $^$

$r=\left(946 \times 10^ \text < मीटर >^\right)^=9.81 \times 10^ \text < मीटर >=9.81 \times 10^ \text < मिमी। >$

26:चित्र में दर्शाए गए वक्रों में से कौन सम्भावित स्थिर विद्युत-क्षेत्र रेखाएँ निरूपित नहीं करते?

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उत्तर - (a) विद्युत-क्षेत्र रेखाएँ सदैव चालक पृष्ठ के लम्बवत् होती हैं, इस चित्र में रेखाएँ चालक पृष्ठ के लम्बवत नहीं हैं।

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उत्तर- (b) क्षेत्र रेखाओं को ऋणावेश से धनावेश की ओर जाते दिखाया गया है जो कि सही नहीं है।

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उत्तर- (c) सम्भावित स्थिर विद्युत-क्षेत्र रेखाएँ निरूपित करता है।

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उत्तर- (d) क्षेत्र रेखाएँ एक-दूसरे को काट रही हैं जो कि सही नहीं है।

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उत्तर- (e) क्षेत्र रेखाएँ बन्द वक्रों के रूप में प्रदर्शित की गई हैं जो कि सही नहीं है।

27: दिक्स्थान के किसी छेत्र , में विधुत चैत्र सभी जगह $z$-दिशा में अनुदिश है। परन्तु विधुत छेत्र का परिमाण नियत नहीं है इसमें कसामान रूप से $z$ - दिशा के अनुदिश $105\;>C$ प्रति मीटर की दर से वृद्धि हो रही है तो $z$ - दिशा में कितना बल और आघूर्ण अनुभव होगा ?

उत्तर- प्रणाली का द्विध्रुव आघूर्ण $= p = q \times dl = - >>$ विद्युत छेत्र की प्रति लम्बाई बढ़ने की दर =

  1. किसी चालक A जिसमे चित्र $1.36$ (a) में दर्शाया गया है कोई गुहा है। यह दर्शाइए की समस्त आवेश चालक के बहार प्रस्थ पर प्रतीत होना चाहिए।

उत्तर- (a) एक गौसिये सतह मन लेते जिसके अंदर एक चालक पूरी तरह से बंद है

गॉस प्रमेय के अनुसार

$\begin\because c_ \neq 0 \\ q & 0\end$

इसलिय चालक के अंदर आवेश 0 है।

  1. कोई अन्य चालक $B$जिसपे कोई आवेश $q$ है, को गुहा के पास रखा जाता है तोह अब पृष्ठ कुल आवेश $> + >$ होगा सिद्ध कीजिये ?
  1. किसी सुग्राही उपकरण से पर्यावरण के प्रबल सिथिर्विद्युत छेत्रो को परिरक्षित किया जा सकता है। संभावित उपय लिखिए।

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उत्तर- (c) एक बंद धातु का बॉक्स विद्युतीय शील्ड के रूप में कार्य करता है।

29 - एक खोखले आवेश चालक की सतह में एक छोटा छेद होता है। यह दिखाएं कि छेद में विद्युत क्षेत्र है, जहां $ \bullet $ बाहरी सामान्य दिशा में इकाई वेक्टर है, और छेद के पास सतह आवेश घनत्व है।

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उत्तर- मन लीजिये की एक चालक में छेद है, छेद के अंदर $E = 0$ आवेश $|q| - \bar \sigma \times \bar d$

इसलिए छेद के बिलकुल बहार विधुतीय छेत्र $\frac> \hat$

30 - गॉस के नियम का उपयोग किए बिना एक समान रैखिक चार्ज घनत्व $\lambda $ के लंबे पतले तार के कारण विद्युत क्षेत्र के लिए सूत्र प्राप्त करें। (संकेत: सीधे कॉउलोम्ब के नियम का उपयोग करें और आवश्यक अभिन्न मूल्यांकन करें।)

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उत्तर- एक समान पतले तार $XY$ (जैसा कि चित्र में दिखाया गया है) एक समान रैखिक आवेश घनत्व $i$ में लें

तार के मध्य-बिंदु $O$ से लंबवत दूरी पर बिंदु $A$ पर विचार करें, जैसा कि अनुवर्ती में दिखाया गया है इस टुकड़े पर आवेश $q$ मन लेते है ।

$\therefore q = \lambda dx$

विद्युत छेत्र को दो आयताकार घटक $dE\cos \theta ,dE\sin \theta $ में बाँटा जा सकता है $dE\sin \theta $ जिसमे काट जाता है

$d x d \theta=\operatorname 2 \theta d x=\operatorname 2 \theta d \theta$

$\therefore b^\left(1+\tan ^ \theta\right)=l^ \sec ^ \theta$

$\therefore d E_-\frac <\lambda / \sec ^d \theta> \sec ^ \theta> \times \cos \theta$

31. अब ऐसा विश्वास किया जाता है कि स्वयं प्रोटॉन और न्यूट्रॉन(जो सामान्य द्रव्य के नाभिकों का निर्माण करते हैं।) और अधिक इकाईओ जिन्हें क्रार्क कहते हैं, के बने है। प्रत्येक प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन तीन क्रावार्कों से मिलकर बनता है। दो प्रकार के क्रार्क होते हैं : अप क्रार्क (U द्वारा निर्दिष्ट) जिन पर $ + (2/3)e$ आवेश तथा डाउन क्रार्क (d द्वारा निर्दिष्ट) जीन पर $( - 1/3)e$ आवेश होता है, इलेक्ट्रॉन से मिलकर सामान्य द्रव्य बनाते हैं।(कुछ अन्य प्रकार के क्रार्क भी पाए जाते हैं जो भिन्न असामान्य प्रकार का द्रव्य बनाते है।) प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन के संभावित क्रार्क संघटन सुझाइए।

उत्तर- दी गई जानकारी अनुसार

$u = + (2/3)e,\quad d = - (1/3)e$

$ + (2/3)e + (2/3)e - (1/3)e = + e$

अथवा $u + u + d = + e$

इस प्रकार प्रोटॉन $2>$ क्रार्क तथा $1\;>$ से मिलकर बना है।

न्यूट्रॉन पर 0 आवेश होता है।

$ \to + (2/3)$ e $ - (1/3)e - (1/3)e = 0$

इस प्रकार न्यूट्रॉन एक $u$ क्रार्क तथा $2d$ क्रार्क से मिलकर बना है।

32. किसी यादरूछिक स्थिर विद्युत क्षेत्र विन्यास पर विचार कीजिए। इस विन्यास की किसी शून्य वी विक्षेप स्थिति ( null point अर्थात जहां $E = 0$ ) पर कोई छोटा परीक्षण आवेश रखा गया है। यह दर्शाए कि परीक्षण आवेश का संतुलन आवश्यक रूप से अस्थाई है।

उत्तर. माना कि परीक्षण आवेश जो शून्य विक्षेप स्थिति में रखा है,का संतुलन स्थाई है।यदि परीक्षण आवेश को संतुलन की स्थिति से थोड़ा सा विस्थापित किया जाए तो आवेश पर एक प्रत्यानयन बल लगाना चाहिए जो आवेश को पुनः संतुलन की स्थिति में के जाए।इसका यह अर्थ हुआ कि उस स्थान पर शून्य वीक्षेप बिन्दु की ओर जाने वाली क्षेत्र रेखाएं होनी चाहिए। दूसरी ओर स्थिर विद्युत क्षेत्र रेखाएं कभी भी शून्य बिक्षेप बिन्दु तक नहीं पहुंचती। अतः यह परिकल्पना के परीक्षणआवेश का संतुलन स्थायी है, गलत है।यह निश्चित रूप से आस्थायी संतुलन है।

(b) इस परिणाम का सामान परिमाण तथा चिहनो के दो अवेशी( जो एक दूसरे से किसी दूरी पर रखे हैं) के सरल विन्यास के लिए सत्यापन कीजिए।

उत्तर (b) मान लिया कि दिए गए दो बिन्दु आवेश , जिसमें प्रत्येक $ + >$ है, परस्पर $2$ दूरी पर रखे हैं। एक बिन्दु आवेश

$ - Q$ इनके मध्य बिन्दु पर रखा है।

बिन्दु आवेशो $ + >, + >$ के कारण $ - >$ पर कार्यरत बल बराबर तथा विपरीत होने के कारण बिन्दु आवेश $ - >$ संतुलन की स्थिति में होगा। फिर यदि -Q आवेश को $x$ दूरी $B$ की ओर विस्थापित कर दें तो इस कार्यरत बल

उपुर्युक्त समीकरणों से यह स्पष्ट है कि $F(PB) > F(PA)$

इस कारण कण पर नेट बल $PB$ दिशा में लगेगा जो कण को संतुलन की स्थिति से दूर ले जाएगा अतः कण के मध्य बिन्दु $C$ पर संतुलन अस्थायी है।

33: प्रारंभ में 3 अक्ष के अनुदिश , चाल से गति करती हुई, को आवेशित प्लाटों के मध्य क्षेत्र में द्रव्यमान तथा $>$ आवेश का एक कण प्रवेश करता है(चित्र $1.14$ में कण $1$ के समान ) प्लेटो की लंबाई $L$ .है।इं दोनों प्लेटो के बीच एकसमान विद्युत क्षेत्र $E$ बनाए रखा जाता है।दर्शाए कि प्लेट के अंतिम किनारे पर कण का उरर्धवाधर विक्षेप $qE/$

$2>>^2>>$ है। (कक्षा 11की पाठ्य पुस्तक के अनुभाग $4.10$.में वर्णित गुरूत्वीय क्षेत्र में प्रक्षेप्य की गति के साथ इस कण की गति की तुलना कीजिए। )

उत्तर- एकसमान विद्युत-क्षेत्र में आवेशित कण (इलेक्ट्रॉन) का गमन-पथ- (i) जब कण का प्रारम्भिक वेग विद्युत-क्षेत्र की दिशा के लम्बवत् है—माना धातु की दो समान्तर प्लेटें जिन पर विपरीत आवेश हैं, एक-दूसरे से कुछ दूरी पर स्थित हैं। इन प्लेटों के बीच के स्थान में विद्युत-क्षेत्र एकसमान है। माना ऊपरी प्लेट धनावेशित है, जबकि नीचे की प्लेट ऋणावेशित है। अत: विद्युत-क्षेत्र E कागज के तल में नीचे की ओर दिष्ट होगा

माना कि कोई कण जिस पर आवेश है - $q$ तथा जो $x$ अक्ष के एनुदिश गतिमान है, $ \vee \times $ वेग से विद्युत क्षेत्र $E$ में प्रवेश करता है। विद्युत क्षेत्र $Y$ अक्ष की ऋण|त्मक दिशा में नीचे की ओर है इस कारण कण पर $Y$ अक्ष के अनुदीष रहने वाला बल $Fy = qE$

कण पर $x$ अक्ष के अमुदिश कोई बल कार्य नहीं करेगा।

मान लीजिए कि कण का द्रव्यमान $m$ है, तो इस बल के कारण कण की गति में उत्पन्न त्वरण $ay = (Fy/m) = (qE/m)$

कण का $X$ अक्ष के अनुदिश प्रारंभिक वेग $Vx$ तथा त्वसं शून्य है इसलिए $\mathrm$ अक्ष के अनुदीश $>.$ सेकंड में तय की गई दूरी

कण के $Y$ अक्ष के अनुदिश प्रारंभिक वेग शून्य तथा त्वरां ay है, इसलिए $Y$अक्ष के अनुदिश $t$सेकंड में तय की गई दूरी

उपुर्युक् समीकरण $y = c$ के समरूप है तथा परवलय को प्रकट करती है। इस कारण विद्युत क्षेत्र में अभिलंबवत प्रवेश करने वाले आवेशित कण का गमन पथ पर्वलयाकार होता है।

अब यदि माना कि कण प्लेटों के बीच के धेट्र को बिन्दु $A(x,y)$ पर छोड़ता है, तो

बिन्दु $A$ के लिए $x = L,L = $ प्लेटों की लंबाई

पथ के समीकरण में $x$ का मान रखने पर

अतः प्लेटों के दूसरे किनारे पर कण का उर्धवावाधर विक्षेप (qEL $^2/$ $\left. > \right)$ होगा।

34: प्रश्न 33 में वर्णित कण की इलेक्ट्रॉन के रूप में कल्पना कीजिए जिसको $ \vee x = 2.0 \times \;>/>$ के साथ प्रक्षेपित किया गया है।यदि $0.5$$>$ की फुगी पर रखी प्लेटों के बीच विद्युत क्षेत्र $E$ का मान $9.1 \times $ $>/>$ हो तो ऊपरी प्लेट पर इलेक्ट्रॉन कहा टकराएगा?

उत्तर -. दी गई जानकारी

इस कारण इलेक्ट्रॉन की ऊपरी प्लेट से $1.12 \mathrm$ दूरी पर टकराएगा।

यह माना गया है कि इलेक्ट्रॉन प्लेटों के बीच के स्थान में ठीक बीच

मेप्रवेश करता है।अतः प्लेट से टकराते समय इलेक्ट्रॉन का उर्धवाधर विक्षेप $y=0.5 / 2 \mathrm$ लिया गया है।

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